जब सब कुछ जलकर हो जाता है राख तब पहुंचती है गाड़ी

बिजनौर। जिले की सबसे बड़ी तहसील धामपुर में आग बुझाने के लिए अधूरी तैयारियों के साथ दमकल विभाग तैनात है। हालत यह है कि विभाग के पास करीब 25 साल पुरानी केवल एक ही गाड़ी है, जिसके सहारे वह आग पर काबू पाने का दम भरता है। धामपुर तहसील सबसे बड़ी तहसील है, जिसमें सहसपुर, स्योहारा, धामपुर, शेरकोट, सबै कुर्लज्जल चुका है नहटौर, हरेवली व अफजलगढ़ से लेकर करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित रेहड़ क्षेत्र भी आता है। पिछले एक सप्ताह में छह से अधिक मामलों में साहूवाला वन रेंज के जंगलों, विभिन्न गांवों के खेतों और घरों में आग की घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन इतना बड़ा क्षेत्र बड़ा क्षत्र होने के कारण दमकल विभाग वहां तक नहीं पहुंच पाता है, जब तक गाड़ी पहुंचती है तब तक या तो सब कुछ जल चुका होता है, या फिर ग्रामीण स्वयं आग पर काबू पाते हैं। पिछले कुछ दिनों से अचानक हुई तेज धूप के साथ गर्मी और हवा चलने से आग कीनायनाटोनरी घटनाओं में अचानक बढ़ोत्तरी हुई है। वर्तमान में गांवों में गेहूं की फसल कटने के लिए तैयार खड़ी है, साथ ही गन्ना भी खेतों में खड़ा है। ऐसे में जरा चिगारी भी हवा के साथ बढ़कर भयंकर आग का रूप ले लेती है। इसी कारण कई मामलों लेती है। इसी कारण कई मामलों में खेतों में खड़ी किसानों की फसल पूरी की पूरी जलकर राख हो गई, जिससे लाखों रुपयों का नुकसान जिससे लाखों र हो चुका है। साल में हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आग लगने पर वहां दमकल की गाड़ी नहीं पहुंच पाती है, ग्रामीण स्वयं एकत्र होकर आग पर काबू पाते हैं। लेकिन तब तक उनका लाखों का नुकसान हो जाता है। हरेवली व रेहड़ क्षेत्र दूर होने के कारण धामपुर से गाड़ी वहां पहुंचने में एक घंटा तक लग जाता है। रेहड़ के साहूवाला रेंज व दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में वन अधिकारियों व ग्रामीणों को स्वयं ही पानी, मिट्टी व अन्य साधनों से आग बुझानी पड़ती है, यहां दमकल की गाड़ियां पहुंच ही नहीं पाती धामपुर का दमकल विभाग आग पर काबू पाने का दावा तो करता है, लेकिन उसके इंतजाम देखकर ऐसा प्रतीत नहीं होता है। विभाग के पास धामपुर में अभी अपना भवन भी नहीं हैं, हालांकि नगीना रोड पर पिछले दो वर्ष पहले विभाग के लिए नया भवन तैयार हो चुका है, लेकिन आधिकारिक रूप से अभी तक भवन सौंपा नहीं गया है। विभाग की गाड़ी करीब 25 साल पुरानी हो चुकी है, जो कभी भी धोखा दे जाती है। दमकल की गाड़ी आमतौर भी नहीं मिले पर धामपुर कोतवाली परिसर में खड़ी रहती है। तहसील क्षेत्र बड़ा होने के कारण यदि एक से अधिक स्थान पर आग लगे तो अन्य जगहों से गाडी मंगानी पड़ती है। साथ ही गाड़ी को पहुंचने में इतना समय लग जाता है कि तब तक सब कुछ राख हो जाता है। धामपुर के अग्निशमन प्रभारी सुभाष चंद्र कहना है कि समय से गाड़ी पहुंचती है, बड़ी घटना होने पर नगीना, नजीबाबाद या बिजनौर से गाड़ी आती हैं। साथ ही नया भवन जल्द ही विभाग को मिल जाएगा।